शीर्षक थोड़ा रोचक और थोड़ा अजीब है।चीन ने कोरोनावायरस का जो चक्रव्यूह पूरे विश्व में रचा उसको भारत जिस चतुराई और सफलता के साथ भेद रहा है पूरे विश्व के लिए वह आश्चर्य की बात है। भारत की जनता भी अधिकांश अपनी सरकार के साथ उस चक्रव्यूह को भेदने में पूर्ण रूप से साथ दे रही है।अभी हाल फिलहाल में सरकार ने बहुत कुछ ऐसे फैसले लिए हैं जोकि थोड़े कष्टप्रद लग रहे हैं कष्टपप्रद इसलिए क्योंकि इस मुश्किल घड़ी में कुछ तो कड़वी दवाई लेनी पड़ेगी।यह कड़वी दवाई हम सबको लेनी पड़ेगी क्योंकि आगे हमारा भविष्य बहुत ही सुंदर है।इस चक्रव्यूह को भेदने के बाद हम जब इस जंग को जीतेंगे तब हम बहुत ही अच्छे भविष्य में कदम रखेंगे।तो जरूरत है कि हम सरकार का साथ दें और इस चीनी चक्रव्यू को भेदे,आत्मनिर्भर बनें और स्वदेशी वस्तुओं का उपयोग करें और ज्यादा से ज्यादा स्वदेशी तकनीक से स्वदेशी वस्तुओं का उत्पादन करके उसको निर्यात करने की सोचें।
जब स्वदेशी के निर्यात की बात आती है तब वहां पर सबसे महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सरकार की है कि सरकार पूरे विश्व पटल पर भारत के व्यापारियों का प्रतिनिधित्व करने के लिए एक आयोग का गठन करें और उस आयोग कि जिम्मेदारी हो कि वह भारतीय वस्तुओं के लिए विदेशी बाजार खोजें और उनकी मदद करें उस विदेशी बाजार में अपना पैर जमाने के लिए हर संभव मदद उपलब्ध कराई जाए स्वदेशी व्यापारियों को।
आज चीन और भारत के विदेशी व्यापार में जो सबसे मुश्किल बात है वह है दोनों देशों की कर संरचना भारत की कर संरचना थोड़ी जटिल है।अगर इसको सरकार सरल बनाएं तो भारत के व्यापारी निश्चित ही पहले की तरह पूरे विश्व में भारतीय उत्पादों का लोहा मनवाएंगे।
भारत को अपनी बौद्धिक संपदा के निर्यात पर रोक लगानी होगी तभी भारत आत्मनिर्भर बनेगा और भारत का निर्यात आयात से ज्यादा होगा।जब तक हम अपनी बौद्धिक संपदा का निर्यात करते रहेंगे तब तक हम एक अच्छे निर्यातक नहीं बन पाएंगे।हम हमेशा आयातक ही रहेंगे तो जरूरी है कि हम अपनी बौद्धिक संपदा के निर्यात को रोके और लोगों को प्रोत्साहित करें कि सरकार उनके साथ है वह जो भी जोखिम उठाएंगे उस जोखिम में सरकार की सहायता करें क्योंकि जब भी कोई व्यक्ति कोई नया कदम उठाता है तो उससे सरकार को फायदा होता है लेकिन जब उसको घाटा होता है तो सरकार को उसकी मदद करनी चाहिए क्योंकि ऐसे जोखिम से कभी-कभी व्यापारी और व्यापारिक जगत बहुत लंबे समय के लिए टूट जाता है और ऐसे नुकसान बहुत ही घातक होते हैं।
उम्मीद है सरकार आत्मनिर्भर भारत के लिए अपनी कर संरचना और लालफीताशाही में बहुत ही जल्द बहुत ही दुरुस्त सुधार करेगी जिससे देश के व्यापारियों को,देश के नागरिकों को बहुत ही फायदा होगा और भारत विश्व में प्रथम स्थान पर रहेगा।