चीन बनाम भारत युद्ध में भारत की स्थिति

चीन से युद्ध में हम जरूर जीतेंगे क्योंकि हमारी सेना चीन के मुकाबले बहुत बेहतर स्थिति में है। चीनी सेना के पास भारत जैसे लड़ाकू और जुझारू जवान नहीं है।हमारे पराक्रम की कहानियां पूरे विश्व को पता है। हमने कारगिल जीता हो या १९६५ की जीत १९७१ जीता हो सियाचिन में जीता हो या हाईफा में जीता हो या बैटल आफ सारागढ़ी हो।हमने अपने पराक्रम के परचम कर मौके पर लहराए है।चीनी सेना ने 1962 में जब हम पर हमला किया था तो उस समय भी उन्होंने धोखे से ही हमला किया था और उस समय हमारी राजनीतिक गलती की वजह से हम वह जंग हारे नहीं तो हम उसमे भी चीन को पटक देते। 1962 के बाद जब हमने 1967 में चीन को हराया तब से आज तक उनकी हिम्मत नहीं हुई है हमसे सीधी लड़ाई करने की। चीनी सिर्फ और सिर्फ धमकी देते हैं और चोरों के जैसे घुसपैठ करके माहौल को बिगाड़ने की कोशिश करते हैं। चीनी सरकार की एक संतान पालिसी की वजह से आज उसके पास सभी ऐसे जवान है जो अपने माता-पिता की इकलौती संतान है। चीनी सेना अधिकतर जवान बिगड़ैल और आलसी हैं। चीनी सेना बाहर से जितनी मजबूत दिखती है वह हकीकत में बहुत ही कमजोर है इसीलिए हम कहीं भी पूरे विश्व में चीनी सेना के पराक्रम की कोई खबर या चीनी सेना द्वारा संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन में किसी भी तरह के सहयोग की कोई खबर नहीं पाते है।क्योंकि चीनी जवानों के अंदर वह क्षमता ही नहीं है कि वह लड़ाई कर सके।बस वामपंथी विचारधारा वाला चीन सिर्फ और सिर्फ हवा बनाकर जंग को जीतना चाहता है या डराकर कमजोर देशों पर अपना कब्जा करना चाहता है।जबकि भारत के मामले में ऐसा कुछ नहीं है भारत तकनीकी रूप से बहुत ही सक्षम है और भारत एक युवा देश है भारत की सेना के जवान की बहादुर और साहसी है।भारतीय जवानों की बहादुरी का पूरे विश्व में कोई मुकाबला नहीं है।चीन की सेना सिर्फ परेड, वीडियोस और फिल्मों की वजह से अपनी सेना को प्रचारित करके विश्व में नंबर 1 दिखाना चाहती है जबकि ऐसा कुछ भी नहीं है वह जब भी भारतीय सेना से लड़ाई लड़ेंगे हमेशा मुंह की खांएगे।

चीन से युद्ध की स्थिति में भारत को और मजबूत स्थिति में रखने के लिए हम सबको अपनी सरकार अपनी सेना के साथ हमेशा खड़े रहना है। हमें तकनीकी रूप से और अधिक सक्षम होना है और कभी भी ऐसे फैसले नहीं लेने हैं जिसकी वजह से भारत के जवानों का मनोबल नीचे हो अपने जवानों का अपने देश के अंदर बहुत ही ज्यादा सम्मान करना चाहिए। बिहार के दिनों में एक खबर आई थी एक लेफ्टिनेंट में एक चीनी सेना के अधिकारी के मुंह पर मुक्का जड़ दिया था। उस लेफ्टिनेंट को सेना ने सम्मानित किया ऐसे सम्मान से सेना के जवानों का हौसला बढ़ेगा और वह पूरी बहादुरी के साथ चीन को पराजित करेगे और देश को हमेशा सुरक्षित और अखंड रखेगे। चीनी सेना के एक कारनामे की अभी खबर आई थी युद्ध प्रभावित सूडान में एक सिविलियन साइट को प्रोटेक्ट करना था। लेकिन वहां पर जब उन्होंने विद्रोहियों को देखा तो उन निहत्थे नागरिकों को छोड़कर चीनी सेना वहां से भाग गयी।आप इस एक उदाहरण से ही चीनी सेना की बहादुरी का अंदाजा लगा सकते हैं, लेकिन अगर यह भारतीय जवान होते तो अपनी जान पर खेलकर निर्दोष नागरिकों की हिफाजत जरूर करते।

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