कोरोनावायरस एक वैश्विक महामारी है।जिस से निपटने के लिए संपूर्ण विश्व प्रयासरत है।तरह-तरह की अफवाहें हैं कि यह वायरस चीन से फैला है यह चमगादड़ से आया है या पैंगोलिन से आया है या चीन ने एक जैविक युद्ध छेड़ा है जो उसके विरोधी देश है उनके खिलाफ।कुछ भी हो लेकिन गौर करने की बात […]
कोरोना वायरस और भारत
कोरोना वायरस से नए अवसर भी उत्पन्न हुए हैं जैसे कि बहुत सारे ऑफिस के काम घर बैठे किया जा सकते हैं।प्रकृति ने एक पाठ पढ़ाया हमको की प्रकृति को तुम खुद अपनी आदतों पे नियंत्रण करके साफ कर सकते हो। अपने लोगों से जुड़ने का मौका मिला, अतीत की गलतियों को सोचने का मौका,मिला भविष्य की नई योजनाएं बनाने का मौका मिला,खुद के अंतर्मन को साफ करने का मौका मिला।लॉक डाउन की आफत को कुछ लोगों ने अवसर में भी बदला है कई अवसर भी उत्पन्न हुए हैं।एक चीज तो साफ है कि दुनिया में कुछ भी होता है उसके दो पहलू जरूर होते एक अच्छा और बुरा।
कोरोनावायरस रोकने में सरकार असफल रही है।सरकार के असफल होने का प्रमुख कारण हम सब देशवासी हमारे देश का विपक्ष और हमारी अपनी अवधारणाएं रही है।तो हम सरकार को सीधे तौर पर दोषी नहीं ठहरा सकते हैं सरकार को दोषी ठहराने से अच्छा है कि हम खुद को ही एक बार अपने मन में झांक कर देखें कि क्या वाकई हमने सरकार का सहयोग किया? नहीं हमने सरकार का सहयोग नहीं किया।हमने तो उनको अपने मन मुताबिक डाला अपनी सुविधा के हिसाब से सोचा कि नहीं लाकडाउन में शराब मिलनी चाहिए,लाकडाउन में यह खुलना चाहिए लाकडाउन में वह खुलना चाहिए।लाकडाउन मे हमको आदत डालनी चाहिए थी अपने न्यूनतम जरूरतों के साथ जीवन जीने की।हम खुद को न्यूनतम जरूरतों के साथ अगर इस लाकडाउन में ढाल लेते यह वायरस इतने भयावह रूप से ना फैलता।अभी वक्त है कि हम खुद को संयमित करें अपनी सुरक्षा और अपने चारों तरफ के लोगों को भी जागरूक कर कर इस वायरस को आसानी से हरा सकते हैं।