कोरोना वायरस और भारत

कोरोनावायरस एक वैश्विक महामारी है।जिस से निपटने के लिए संपूर्ण विश्व प्रयासरत है।तरह-तरह की अफवाहें हैं कि यह वायरस चीन से फैला है यह चमगादड़ से आया है या पैंगोलिन से आया है या चीन ने एक जैविक युद्ध छेड़ा है जो उसके विरोधी देश है उनके खिलाफ।कुछ भी हो लेकिन गौर करने की बात है कि हम इंसान इस तरह के भयावह महामारी से लड़ने के लिए किस हद तक तैयार है। हम भूल गए थे कि भविष्य में कभी ऐसी महामारी भी आ सकती है हमारी आवासीय व्यवस्थाएं यातायात के साधन सब कुछ बिल्कुल भीड़ भरा हो चुका है।हम उस व्यवस्था को भूल गए जिसमें की मानव छोटे-छोटे समूह में रहता था छोटे गांव छोटे मजरे या छोटी-छोटी सेपरेट कॉलोनी में रहता था। अगर हम छोटे समूहों में होते हैं तो कम्युनिटी स्प्रेड जैसे खतरे की संभावना बहुत कम होती है।और उस समूह को बहुत आसानी से पहचाना जा सकता है उसका निदान किया जा सकता है। दूसरी सबसे बड़ी कमी भारत में हुई यहां की अज्ञानता और लोगों में एक विश्वास अनिश्चितता का माहौल हर आदमी एक दूसरे से बहुत ही ज्यादा दिल के करीब है जिसकी वजह से उनको लगा कि अगर मरना ही है तो हम अपने लोगों के बीच में जाकर मेरे अरे भाई अपने लोगों के बीच में जाकर मरना अच्छी बात नहीं है।यह एक ऐसी बीमारी है जिसमें आप अपने लोगों के बीच में मरने की इच्छा करके खुद उन को मारने के लिए आप व्यवस्था कर रहे हैं तो क्या आप अपने लोगों के हत्यारे बनेंगे,?

भारत में लाकडाउन असफल होने का प्रमुख कारण यह भी था की घर आ जाओ मरना है तो साथ मरेंगे ऐसी मानसिकता की वजह से बीमारी फैलती जा रही है।

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